एक हाथ में मंडल दूसरे में कमंडल: जातिगत गणना को लेकर विपक्ष के रुख पर BJP के पास क्या है ब्रह्मास्त्र? - NK News

Top Hindi News, Viral Hindi News, Sport Hindi News, Indian Hindi News, Bollywood Hindi News

Breaking

Home Top Ad

Responsive Ads Here

Post Top Ad

Responsive Ads Here

Wednesday, October 4, 2023

एक हाथ में मंडल दूसरे में कमंडल: जातिगत गणना को लेकर विपक्ष के रुख पर BJP के पास क्या है ब्रह्मास्त्र?

जातिगत जनगणना (Caste Census) पर विपक्ष के आक्रामक रुख का बीजेपी (BJP) जवाब देने को पूरी तरह से तैयार है. बिहार में महागठबंधन सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण (Bihar Caste Survey Report) के आंकड़े जारी कर आरक्षण बढ़ाने की मांग की है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जितनी आबादी, उतना हक की बात उठाई है. अब बीजेपी हिंदू एकता (Hindu Unity) के मंत्र पर आगे बढ़ेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मंगलवार को छत्तीसगढ़ की रैली में दिए गए भाषण से इसका इशारा भी मिल गया. पीएम मोदी ने दो टूक कहा कि कांग्रेस हिंदुओं को बांट कर देश को बांटना चाहती है. उन्होंने यह भी पूछ लिया कि क्या सबसे बड़ी आबादी हिंदुओं को आगे आकर अपना हक ले लेना चाहिए. 

बीजेपी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनाव में विपक्ष की मुहिम का जवाब देने के लिए दो मुद्दों पर एक साथ काम कर रही है. ये मुद्दे हैं 'मंडल' और 'कमंडल'.

दरअसल, जातिगत सर्वेक्षण पर विपक्ष की रणनीति को मंडल आयोग की सिफारिशें लागू के बाद हुई राजनीति की वापसी कहा जा रहा है. तब वीपी सिंह सरकार ने पिछड़ी जातियों को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था. अब नए आंकड़ों के बाद इस आरक्षण को बढ़ाने की मांग हो रही है. बीजेपी के पास इसका भी जवाब है.

मंडल
- पीएम मोदी खुद ओबीसी से आते हैं. 
- यह मंडल 2.0 का जवाब है.
- बीजेपी के सर्वाधिक मंत्री, सांसद, विधायक ओबीसी हैं.
- मोदी सरकार में 27 मंत्री हैं.
- 301 में 85 लोकसभा सांसद हैं.
- 1358 विधायकों में 365 विधायक हैं.
- 163 एमएलसी में 65 एमएलसी ओबीसी हैं.
- बीजेपी के अब तक 68 मुख्यमंत्री हुए, जिनमें 21 ओबीसी यानी 31 प्रतिशत.
- कांग्रेस के अब तक 250 मुख्यमंत्री हुए, जिनमें केवल 43 ओबीसी यानी 17 प्रतिशत.
- पिछड़े वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया.
- NEET में ओबीसी आरक्षण दिया.
- विश्वकर्मा योजना का फायदा ओबीसी को.

इसके अलावा बीजेपी के तरकश में अभी एक तीर और भी है. वह है जस्टिस रोहिणी आयोग की रिपोर्ट, जो राष्ट्रपति को सौंपी जा चुकी है. इसे बीजेपी का 'ब्रह्मास्त्र' माना जा रहा है. इस रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं:-

-ओबीसी की जातियों में आरक्षण लाभ की असमानता की पहचान.
- अब तक मिले आरक्षण के लाभ के हिसाब से वर्गीकरण.
- जिन जातियों, उपजातियों तक लाभ नहीं पहुंचा, उन्हें अधिक लाभ.
- मौजूदा आरक्षण व्यवस्था की खामियां बता कर उनमें सुधार के उपाय. 
- आरक्षण के भीतर ही आरक्षण की व्यवस्था कर अति पिछड़ी जातियों को हक दिलाना.
- जातियों और उपजातियों के बीच पद अनुक्रम को समाप्त कर सबको एक मंच पर लाना.
- चार तरह से वर्गीकरण किया गया.
- पहला जिन्हें आरक्षण का सर्वाधिक लाभ मिला.
- दूसरा कुछ उपजातियों को ही लाभ मिला.
- तीसरा जिनमें लाभ पाने वालों और वंचितों के अनुपात में ज्यादा अंतर नहीं.
- चौथा आरक्षण का शून्य या बेहद मामूली लाभ पाने वाली जातियां या उपजातियां.
- रोहिणी आयोग की रिपोर्ट में आरक्षण का समान और सर्वसमावेशी वितरण का तरीका.
- साथ ही, पिछड़ी जातियों की पहचान, कुल आबादी में उनका अनुपात और अब तक मिले आरक्षण के लाभ का विवरण.

कमंडल
-बीजेपी का दूसरा दांव 'कमंडल' यानी हिंदुत्व पर अधिक आक्रामकता होगा.
- यह बताना कि विपक्ष हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहा है.
- हिंदुओं को इससे सतर्क रहने को कहा जाएगा.
- राहुल गांधी को जितनी आबादी, उतना हक की मांग उठाने के लिए घेरा जाएगा.
- देश में सबसे अधिक आबादी हिंदुओं की, तो क्या सबसे अधिक हक उन्हें?
- जनवरी में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरे देश में जनजागरण.
- हर गांव में यात्राओं के माध्यम से माहौल बनाया जाएगा.
- समान नागरिक संहिता का मुद्दा गरमाया जाएगा.
- प्रमुख तीर्थस्थलों का नवीनीकरण तथा विभिन्न कॉरीडोर का निर्माण.
- राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता देना.

पीएम मोदी ने बीजेपी की इस आक्रामक रणनीति का आज इशारा भी दे दिया. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह हिंदुओं को बांट कर देश को बांटना चाहती है. उन्होने कहा कि उनके लिए सबसे बड़ी जाति गरीब है और उनकी सरकार गरीबों की भलाई में लगी है.

कल से कांग्रेस ने एक अलग राग अलापना शुरू कर दिया है. ये कहते हैं जितनी आबादी, उतना हक. मैं कहता हूं इस देश में अगर सबसे बड़ी कोई आबादी है, तो वह गरीब इसलिए गरीब कल्याण ही मेरा मकसद है. कांग्रेस आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी की बात करती है. कांग्रेस हिन्दुओं को बांटकर देश को बांटना चाहती है. मेरे लिए सबसे बड़ी जाति गरीब है और मेरी सरकार गरीबों की भलाई में लगी है. चाहे गरीब दलित हो, पिछड़ा हो, अगर गरीब का भला होगा, तो देश का भला होगा. 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने आज कांग्रेस को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की याद भी दिलाई. देश के संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का पहला अधिकार होने के उनके बयान का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने पूछा कि क्या कांग्रेस अब उनके अधिकारों को कम करना चाहती है? जितनी आबादी, उतना हक की कांग्रेस की मांग पर उन्होंने पूछा कि सबसे बड़ी आबादी वाले हिंदुओं को क्या आगे आकर अपने सभी अधिकार लेने चाहिए?

पीएम ने कहा, "मैं सोच रहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्या सोच रहे होंगे. वे कहते थे कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है. उसमें भी मुसलमान का है. लेकिन अब कांग्रेस कह रही है कि आबादी तय करेगी कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार किसका होगा? तो अब क्या वे (कांग्रेस) अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कम करना चाहती है? अगर आबादी के हिसाब से ही होने वाला है तो पहला हक किसका होना चाहिए? जरा, कांग्रेस वाले स्पष्टता करें. क्या कांग्रेस, अल्पसंख्यकों को हटाना चाहती है? तो क्या सबसे बड़ी आबादी वाले हिंदुओं को आगे आना चाहिए और अपने सभी अधिकार लेने चाहिए?"

उधर, जितनी आबादी उतने हक के राहुल गांधी के बयान पर उन्हीं की पार्टी के भीतर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनुसिंघवी ने X पर पोस्ट में इस पर सवाल उठाया. उन्होंने लिखा, "अवसर की समानता परिणामों की समानता के बराबर कभी नहीं हो सकती. जो लोग जितनी आबादी उतना हक की बात कर रहे हैं. उन्हें पहले इसके दुष्परिणाम समझने होंगे. यह आखिरकार जाकर बहुलतावाद में समाप्त होगा." 

कांग्रेस पार्टी ने इसे अभिषेक मनु सिंघवी की निजी राय बताया. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, "डॉ. सिंघवी का ट्वीट उनका निजी विचार हो सकता है, लेकिन यह पार्टी का आधिकारिक स्टैंड नहीं है. पार्टी अपनी राय 26 फरवरी 2023 को रायपुर घोषणापत्र में और 16 सितंबर 2023 को कांग्रेस कार्यसमिति के प्रस्ताव में व्यक्त कर चुकी है."

ये भी पढ़ें:-

बिहार में जातिगत गणना से क्या INDIA अलायंस में छिड़ेगा जातीय संग्राम? क्या बदलेगी 2024 की राजनीति?

Bihar Caste Survey: बिहार सरकार ने जारी की जातिगत गणना की रिपोर्ट, पिछड़ा वर्ग 27.1 प्रतिशत

बिहार में जातिगत गणना की रिपोर्ट जारी, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया क्या है सरकार की आगे की योजना



from NDTV India - Pramukh khabrein https://ift.tt/rSV5gKh

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages